स्थान: सोमनाथ, गुजरात
इतिहास: सोमनाथ मंदिर, हिंदू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला माना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी गहरी ऐतिहासिक और पौराणिक महत्ता है। मान्यता है कि यह मंदिर पहले भगवान सोम (चंद्रमा) द्वारा निर्मित किया गया था और इसे समय-समय पर कई बार नष्ट और पुनर्निर्मित किया गया है।
वास्तुकला: सोमनाथ मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है। इसमें चाँद की आकृति का प्रभाव है और इसका मुख्य शिखर 157 फीट ऊँचा है। मंदिर के परिसर में कई अन्य छोटे मंदिर भी हैं, जो भगवान शिव की विभिन्न अवतारों को समर्पित हैं। यहाँ का प्रांगण सुंदर और मनमोहक है, जो भक्तों को शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव कराता है।
महत्व: सोमनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यहाँ हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। खासतौर पर महाशिवरात्रि पर यहाँ विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसे “प्रथम ज्योतिर्लिंग” का दर्जा प्राप्त है, और यह भारतीय संस्कृति और धरोहर का प्रतीक है।
पर्यटन: सोमनाथ मंदिर के आसपास कई दर्शनीय स्थल भी हैं, जैसे समुद्र तट, जहाँ आप समुद्र की लहरों का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ एक संग्रहालय भी है, जहाँ मंदिर के इतिहास और वास्तुकला के बारे में जानकारी मिलती है।
आधुनिक पुनर्निर्माण: 1970 के दशक में, मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया, जो आज के समय में एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन चुका है। यहाँ की भव्यता और दिव्यता हर भक्त को आकर्षित करती है।
सोमनाथ मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और इतिहास का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर आप धार्मिक यात्रा पर हैं, तो सोमनाथ मंदिर अवश्य देखने योग्य है।